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Sambardhana Dikshit

Inspirational

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Sambardhana Dikshit

Inspirational

पिता

पिता

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न आज ना कल

हर दिन आपसे और हर ये पल 

देखकर मुस्कान हमारे चेहरे की

हर दर्द अपना भूल जाते हैं 

मुकम्मल हो हमारे सपने सारे 

इसलिए तो अपने हर वो सपने तोड़ देते हैं 

तप, तपस्या , त्याग से 

उनका किरदार बना है 

खोकर अपनी नींद रातों की

हमारी आंखों से सपने देखते हैं

टूट न जाए कोई सपना हमारा 

इसलिए हर ख्वाब बुनकर सजाते हैं 

वो हस्ती कोई आम नहीं

जो पिता कहलाते हैं ...


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