पिता है संग
पिता है संग
पिता है संग तो खुशियों के इंद्रधनुषी नवरंग हैं !
पिता हैं संग तो जीवन के हर पल में है उमंग !!
पिता है संग तो हर उदास रात न लगती बेरंग है !
पिता है संग तो हर नीरस दिन में भी तरंग है !!
पिता है संग तो घर में प्रति पल खुशी के रंग हैं !
पिता है संग तो सर पर आशीर्वाद अनन्त हैं !
पिता है संग तो हर सपना लगता जीवन्त हैं !!
पिता है संग तो पतझर भी मानो बसन्त है !!
पिता है संग तो मानो शिशिर भी हेमन्त है !!
पिता है संग तो भविष्य भी मानो जयंत है !
पिता के संग वो सबसे प्यारे पल वो याद आते हैं !
जब सारा परिवार रात को संग में बतियाता था !!
उनकी प्यारी बातों में कितना अनमोल खजाना था !
जब वे हम बच्चों को अच्छी बात बताते थे ...
कि जो सोवत है वो रोवत है ..
जो जागत है वो पावत है!
उनकी इस शिक्षा ने मेरा भविष्य उज्ज्वल बनाया है !
सच आज भी वह हंसते खिलखिलाते पल वो याद आते हैं !
