ऋतुओं का श्रृंगार करती अवनि। ऋतुओं का श्रृंगार करती अवनि।
शीत का रोब जरा है सबसे न्यारा कभी हेमंत, कभी शिशिर रुप बदले प्यारा शीत का रोब जरा है सबसे न्यारा कभी हेमंत, कभी शिशिर रुप बदले प्यारा
शिशिर छोड़ चला धरा बसंत ने डेरा डाला शिशिर छोड़ चला धरा बसंत ने डेरा डाला
शीत शिशिर ऋतु की चुभन सी तेरी यादें छाई, कुछ तो बातें हैं कि दर्द से मेरी नैना भर आई, शीत शिशिर ऋतु की चुभन सी तेरी यादें छाई, कुछ तो बातें हैं कि दर्द से मेरी नैन...
वो शिशिर की प्रभात वो गहराता अति कोहरा। वो शिशिर की प्रभात वो गहराता अति कोहरा।
पिता के संग वो सबसे प्यारे पल वो याद आते हैं पिता के संग वो सबसे प्यारे पल वो याद आते हैं