फूल
फूल
सरल हृदय में रंग बहुत हैं।
कोमल तेरे अंग बहुत हैं ।
सुंदरता मन सबका मोहती।
पास की आस सभी को होती।
भाॅ॑ति भाॅ॑ति की बिखराते खुशबू।
मचल जाता दिल पाने को खुशबू।
प्रकृति सुहानी खूब लगती है।
छटा तुम्हारी जब दिखती है।
समीर सुगंधित कर देते हो।
सुकून बहुत दिल को देते हो।
हवा के झोकों में इठलाते ।
खुश हो कर तुम खूब इतराते।
रंग बिरंगी तितलियाॅ॑ आती।
प्यार से तुमको गले लगाती।
भौरें खुश होकर गुंजन करते।
पास में सदा तुम्हारे रहते।