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DR. RICHA SHARMA

Abstract Inspirational

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DR. RICHA SHARMA

Abstract Inspirational

फटी जेब

फटी जेब

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फटी जेब का आज के ज़माने में बहुत बुरा हाल है।

भरी जेब ने धोखाधड़ी से बिछाया ऐसा जाल है।।


पहले समय में लंबी उम्र का देते थे आशीर्वाद।

आयु से अधिक आजकल आय बन गई फसाद।।


समाज में धनवान को किसी भी गरीब से नहीं कोई वासता।

चाहे निर्धन कड़ी मेहनत करता हुआ हो कितना भी खांसता।।


चारों ओर मतलबी संसार नज़र आता है।

भ्रष्टाचार से भरा व्यवहार नज़र आता है।।


गरीब से बिल्कुल नहीं रखना चाहता कोई भी संबंध।

करोड़ों की दुनिया में भले-मानस दिखते हैं चंद।।


मुझे होता है अक्सर बहुत खेद।

धनवान-निर्धन का ये कैसा भेद।।


जगत से इंसानियत मिटती जा रही है।

फटी जेब ये कैसे दिन दिखा रही है।।


इन बेसहारों का कौन बनेगा सहारा।

फटी जेब बिलकुल ना हिम्मत हारा।।


लाचार-बेबस गरीब है मेरी नज़रों में बेचारा।

हे भरी जेब वालों ! बन जाओ इनका सहारा।।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

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