लाचार-बेबस गरीब है मेरी नज़रों में बेचारा। हे भरी जेब वालों! बन जाओ इनका सहारा।। लाचार-बेबस गरीब है मेरी नज़रों में बेचारा। हे भरी जेब वालों! बन जाओ इनका सहार...
कदम हमारे खड़े खड़े तेज़ रफ़्तार देखते रहे ! कारवाँ गुज़र गया गुब्बार देखते रहे ! कदम हमारे खड़े खड़े तेज़ रफ़्तार देखते रहे ! कारवाँ गुज़र गया गुब्बार देखते रहे !
उसी प्रकार मनुष्य की प्रगति के लिये सौहार्द्र जरूरी है। उसी प्रकार मनुष्य की प्रगति के लिये सौहार्द्र जरूरी है।
जो भी हुआ कोई खेद नहीं, बस इतना है संताप मुझे। जो भी हुआ कोई खेद नहीं, बस इतना है संताप मुझे।