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Rajiv Jiya Kumar

Romance Fantasy

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Rajiv Jiya Kumar

Romance Fantasy

फरमान तेरी आँखों का।

फरमान तेरी आँखों का।

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नशीली आँखें तेरी

नशे में मत मग्न कर

रसीले होंठों के तेरे रस में

पल पल डुबोती हैं,

सजन माथे की बिन्दी

यह तेरी ही प्यास

रग रग में जगाती हैं,

आओ लहू में मेरे घुल

इक जिस्म दो जां हो लो

हुस्न बेमिसाल तेरा जानम 

फरमान यह सुना जाती है।।


मखमली यह बदन तेरा

होश छीन लेता मेरा

अरमां अनजाने सजाती है,

रक्ताभ गालों की यह लाली

मानो प्रीत शहद की

इक मीठी सी प्याली

फलक तक उठा ले जातीं हैं

पिघल पिघल तुझ में घुल जाए

फरमान यह सुना जाती है।।


झन झन इश्के-नज्म सी

खनकती तेरी यह पायल

बिन कुछ कहे

बिन कुछ सुने

नश्तर की मानिंद उतर

जिगर में करती हैं घायल,

कजरारे से काजल सजन तेरे

काला जादू बन जाते

घनेरी जुल्फों के साए तले

आशियाना राग रागिनी से रंग जाए

फरमान यह सुना जातीं हैं।।

        


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