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Neha Prasad

Romance Fantasy

4.3  

Neha Prasad

Romance Fantasy

पहली नज़र का प्यार

पहली नज़र का प्यार

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देखा मैने उसे सामने सुनसान रास्ते से आते हुए ,

नजरे मेरी ठहर सी गई उसे देख एक पल के लिए ।

आंखो में थी अलग ही चमक उसकी 

देख दिल की धड़कन बढ़ सी गई,

जब देखा उसने मुझे तो कदम मेरी वही रुक ही गई ।

खामोश थी जबान पर अंदर कुछ हलचल सी थी,

दोनों एक दूसरे को देखते रहे और समय वही ठहर सी गई ।

उसकी चंचल आंखें मानो मेरा नाम पूछ रही,

उसके होंठों की मुस्कान मेरी बेचैनी को दूर कर रही ।

बढ़ाया कदम उसने ज्यों ओर मेरी, 

दिल की धड़कन तेज

होने लगी ।

आकर मेरे सामने उसने 

जब उठाया गुलाब का फूल, 

मैं सोची खड़े रह कर यहां हो गई बड़ी भूल ।

देकर फूल उसने जो मुस्कुराया, 

फूल मुझसे ही गिरा यह तभी याद आया ।

 देख उसे मैं भूल गई थी कि अभी तो 

मैने तोड़ा ही था इसे उस डाल से ।

देखा मैंने जब उसे पलट कर 

चल दिया वो अपनी मंजिल की ओर तब तक ।

न जाने किस्मत ने मिलाया हमे क्या सोच कर !

 मेरे मन में उठने लगी थी उसके लिए प्रेम रुक- रुक कर । 



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