पहला प्यार।
पहला प्यार।
मोहभंग तो करना ही होगा।
अपने जीवन को जीना ही होगा।
जाने कितने जन्मों के बाद पाया है यह जीवन।
इसको तो खुशी से जीना ही होगा।
चार लोग क्या कहेंगे, इस सोच में
खुद को ही भूल बैठे थे हम।
घर परिवार बच्चे चलते रहे इसलिए हर परिस्थितियों को सहते थे हम।
पहला प्यार था घर समाज परिवार और बच्चे मेरे।
उम्र ढल गई , जीवन की अब सांझ हो गई।
जिम्मेदारियां खत्म भी हो गई।
लेकिन फिर भी इन खत्म जिम्मेदारियों को भी हमने ओड़ा।
अपमान मिले या सम्मान ,
लेकिन मोह ने हम को बिल्कुल ना छोड़ा।
जिन्हें फिकर थी मेरी, वह दुनिया से चले गए।
जिन्हें मेरी जरूरत ही नहीं हम उन में ही उलझे गए।
अपमान को सम्मान समझा बस उनके साथ रहने में ही अपना मान समझा।
नहीं अब और नहीं, हम अपना प्यार बदल लेंगे।
छोड़ के पहले प्यार पीछे हम बस अब आगे चल देंगे।
जिन्हें जरूरत नहीं हमारी हम भी उन बिन जी लेंगे।
समय लगेगा कोई बात नहीं हम खुद को ही टूट कर प्यार करेंगे।
पहले प्यार की सिर्फ मीठी यादों को अपने पास रख कर हम खुद से ही दूसरा प्यार करेंगे।
करेंगे ख्याल अपना खुद का और खुद के ही अब साथ रहेंगे।
जी ले जैसे जो जीना चाहे अब हम अब खुद पर ही उपकार करेंगे।
मोहभंग जैसे किया है परमात्मा वैसे ही तुम साथ भी देना।
पहले प्यार की मीठी यादें रख ली मैंने, पर परमात्मा मैं निश्चिंत रह सकूं
अपने दूसरे प्यार के साथ, ऐसा ही आशीर्वाद भी देना।