फिर तुमसे प्यार हो गया
फिर तुमसे प्यार हो गया
अनजानी राहों में तुम्हारा दीदार हो गया
और कहते थे हम किसी से नहीं मिलेंगे,
और न जाने कब देखते ही देखते
तुमसे प्यार हो गया..!!
यूँ तो गुजर गए थे, अरसों मुस्कुराए
और फिर ख्वाब बनकर तुम हो आए,
फिर एक सपना हक़ीक़त सा बन गया
और न जाने कब दखते ही देखते,
तुमसे प्यार हो गया..!!
मौजूदगी तुम्हारी चुप होने नहीं देती
चाहत तुम्हारी कम होने नहीं देती,
और कहते थे, लोग हम खड़ूस हैं
तो क्यूँ इस जंग में हारे तुमसे,
शायद हाँ अब तुमसे प्यार हो गया..!!
तुम तो उतने अपने भी नहीं हुए,
जितने की मेरे हो गए हो
खुद की परवाह न करके,
अपनी जान मुझपर छिड़कते हो..
और हाँ शायद इसीलिए,
मुझे तुमसे प्यार हो गया...!!
साथ तुम्हारा हौसला है, बढ़ाती
न कोई फिक्र न कोई चिंता सताती,
गम का मानों निशान नहीं है अब
चेहरा तुम्हारा देखकर आँखों की ये प्यास बुझ जाती।
और हाँ अब जाना क्यूँ ये तुमसे प्यार हो गया...!!

