फिर सुबह होगी
फिर सुबह होगी
आज खाली है वो चौराहा जहाँ कभी भीड़ हुआ करती थी,
आज खाली है वो गलियाँ जहाँ कभी बच्चो की भीड़ हुआ करती थी,
खाली है वो बाजार जहाँ अतरंगी दुकाने लगा करती थी,
लग रहा है जैसे किसी ने चाँद से तारे छीन लिए हो,
सूरज से उसकी किरणे छीन ली हो,
बच्चो से उनकी आवाज़ छीन ली हो,
खाली है वो मंदिर, वो मस्ज़िद जहाँ दुआए हुए करती थी,
अब बस दुआ हा उस ईश्वर से, उस खुदा से लौटा दे हँसी सारे जहां की.....