Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Mohit Agrawal

Tragedy

4  

Mohit Agrawal

Tragedy

फिर सुबह होगी

फिर सुबह होगी

1 min
214


आज खाली है वो चौराहा जहाँ कभी भीड़ हुआ करती थी, 

आज खाली है वो गलियाँ जहाँ कभी बच्चो की भीड़ हुआ करती थी, 

खाली है वो बाजार जहाँ अतरंगी दुकाने लगा करती थी, 

लग रहा है जैसे किसी ने चाँद से तारे छीन लिए हो, 

सूरज से उसकी किरणे छीन ली हो, 

बच्चो से उनकी आवाज़ छीन ली हो, 

खाली है वो मंदिर, वो मस्ज़िद  जहाँ दुआए हुए करती थी, 

अब बस दुआ हा उस ईश्वर से, उस खुदा से लौटा दे हँसी सारे जहां की..... 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy