फ़िर मिलेगे
फ़िर मिलेगे
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गांव चलते दोस्त तुझसे फ़िर मिलेगे !
हम नहीं होगे जुदा तुझसे फ़िर मिलेगे
दोस्ती तुझसे न टूटेगी कभी भी
हम जहां चाहे रहेगे फ़िर मिलेगे
ये दुआ दिल से है मेरी जिंदगी भर
तू सलामत हो जहां हो फ़िर मिलेगे
तू कभी मुझसे ख़फ़ा मत होना यूं ही
जी नहीं पाऊंगा तन्हा तेरे बिन मैं
है ख़ुशी तुझसे यहां दिल में मेरे ही
तू नहीं कुछ भी नहीं है जिंदगी में
याद रखना जाने वाले फ़िर मिलेगे
देखकर तस्वीर तेरा रोए "आज़म"
छोड़ तू तन्हा गया है गांव में.
आज़म नैय्यर
सहारनपुर उत्तर प्रदेश
