फिर लौटा ..शैतान कोरोना
फिर लौटा ..शैतान कोरोना
भयंकर और विकराल रूप लिए
लौटा फिर ...शैतान करोना।
जन मानस का जीवन देखो,
कर रहा है .. बेहाल कारोना।।
जीवन दूभर कर दिया इसने
बन गया हर इंसान खिलौना
दुनिया को है जकड़ा इसने
बन कर आया काल करोना।
काल का ग्रास बन रहा मानव
बिछा धरा पर मृत्यु बिछौना।
लाशों से पट गए श्मशान,
मौत का है ये रूप घिनौना।
हर दिन मुश्किल बढ़ती जाये,
जी का बन गया जंजाल करोना।
कैसे निपटें कैसे सम्भले,
इस भंवर से कैसे निकलें,
बना इक मुश्किल सवाल करोना।
इसको हल्के में लेकर सबने,
जीवन कर लिया औना पौना।
अनदेखा अनजाना दुश्मन,
छुप कर कर रहा वार करोना।।
क्या बला इस जग में आई
हर ओर दहशत सी छाई।
सबके चेहरे डरे डरे से
मायूसी, बेज़ारी छाई।।
है ये कोई एक बीमारी
या है कोई जादू टोना।
घातक रूप लिए धरा पर
बैठा पांव पसार करोना।।
बचना है गर इससे प्यारे
मुंह से मास्क न कभी विसारें।
उचित दूरी बना कर रखें,
घर से न बाहर पग रखें।
इन नियमों का पालन कर लें
गर करना है बेजान करोना।।
भयंकर और विकराल रूप लिए
लौटा फिर ...शैतान करोना।
जन मानस का जीवन देखो,
कर रहा है .. बेहाल करोना।।