फिर भी मैं पराई हूँ
फिर भी मैं पराई हूँ
तू मेरी साँसों में है,
तेरे दिल में मैं समाई हूँ,
तेरी धड़कनों की आवाज हूँ,
आत्मा की परछाई हूँ,
फिर भी तुझसे दूर हूँ,
तेरी ही परछाई हूँ
मैं तुझको जिया है,
तू ही मेरा पिया है,
नहीं है रिश्तों का बंधन,
तो क्या तू मेरा राम,
मैं तेरी सिया हूँ
ये जीवन की सच्चाई है,
मेरे इस जन्म की तू कमाई है,
साँसों से जुड़ी है तेरी साँसे,
कहने को तू ही हरजाई है,
पर मेरी आत्मा तुझमें समाई है,
फिर भी मैं पराई हूँ।

