STORYMIRROR

Nilofar Farooqui Tauseef

Abstract Romance Others

4  

Nilofar Farooqui Tauseef

Abstract Romance Others

फागुन का महीना(लोकगीत)

फागुन का महीना(लोकगीत)

1 min
230

फागुन का महीना सखी रे,

पिया की याद दिलावे।

मन सतरंगी मोरा,

बिरहा के गीत सुनावे।


परदेस गए मोरा पिया,

कोई तो दो रे सन्देस,

उलझे हैं केश मोरे

बनाये कइसन भेस।


लाल-पीली चुनर मोरी,

उड़-उड़ जावे,

बावरा मन मोरा,

छुपके नीर बहावे।


बादल जैसे बन,

उड़ जाऊँ गगन में,

साजन संग मिलके,

आ जाऊँ चमन में।


सब को देखन ,

मन मोरा ललचावे।

फागुन का महीना सखी रे,

पिया की याद दिलावे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract