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Dr. Madhukar Rao Larokar

Inspirational

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Dr. Madhukar Rao Larokar

Inspirational

"पढ़ो और बढ़ो "(16)

"पढ़ो और बढ़ो "(16)

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जीवन की राह में

ज्ञान है, एक मंजिल ।

पढ़ो, पढ़ाओ और बनाओ

खुद को, इसके काबिल ।।

धर्म-कर्म, सच-झूठ

अच्छा क्या, बुरा क्या ।

बिना पढ़ाई,ज्ञान के

पाप क्या, पुण्य क्या ।।

जब लिया प्रण, पाठ का

जात उम्र का, बंधन नहीं ।

शिक्षा देना और लेना

इससे बड़ा कोई, करम नहीं ।।

बच्चे, बूढ़े और जवान

माता हो, चाहे बहनें ।

लिखें पढ़े, सभी वे

स्कूल हो या घर में ।।

चरित्र, ज्ञान, आचरण, निष्ठा

प्राप्त होती,शिक्षा से।

जिंदगी, गतिशील बनती

पढने और आगे बढने से ।।

बिन शिक्षा, जिंदगी अधूरी

जैसे धड़कन,बिना शरीर।

अंकल बड़ी या भैंस

यही बनेगी, सबकी तकदीर ।।

अपढ़ रहकर, नासमझी में

हमने चुकाती,कीमत आजादी की ।

अब समझा ,जाना माना है

क्या मूल्य है, पढ़ाई लिखाई की।।

तो आओ, करें प्रतिज्ञा

सभी पढ़ेंगे और बढ़ेंगे ।

देश का हर क्षेत्र, बनें शिक्षित

अज्ञान का, हम अंधकार मिटायेंगे ।।



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