पच्चीसवीं सालगिरह
पच्चीसवीं सालगिरह
आज बरसों बाद फिर तेरा दिवाना हो गया हूँ,
लगता है इक बार फिर खुद से बेगाना हो गया हूँ |
पच्चीस बरसों में आदत तेरी पड़ गई इस कदर मुझको,
गुनगुनाती है प्यार से तू जिसे वो तराना हो गया हूँ |
शम़ा है जिन्दगी की,तुझसे रोशन है ये जहाँ मेरा,
जल जाये हँसते--हँसते वो परवाना हो गया हूँ |
हो गये हैं इक दूसरे के राजदार बरसों से,
तू मेरी.......मैं तेरा.....फसाना हो गया हूँ |
उलझे रहे परेशानियों में, जिम्मेदारियों में आज तक हम,
निपटी जिम्मेवारियाँ ,अब आशिक तेरा पुराना हो गया हूँ |
जब तक साँस है................प्यार से साथ रहेंगें सदा,
बदलेगा ना कभी...........वो मौसम सुहाना हो गया हूँ |
जन्मों जन्माँतर तक साथ रहें,नाम सीताराम कर लिया,
तू मेरी...मैं तेरी इबादत का *रेखा * बहाना हो गया हूँ |