पैसा ! पैसा ! पैसा !
पैसा ! पैसा ! पैसा !
कुछ नहीं इस जहाँ में
पैसे के जैसा ...
अच्छे-अच्छों को बदल कर
रख देता है
ये पैसा !
इस दुनिया की सारी अनबन
की वजह भी है (मानो या न मानो)
पैसा ! पैसा ! पैसा !
एक खुशहाल घर को
दीमक की तरह खोखला
कर देता है अक्सर
औकात से ज़्यादा पैसा ...
इसीलिए हरेक इंसान को
अपनी काबिलियत पे ज़ोर देना,
न कि महज़ पैसों के पीछे भागना
क्योंकि आज का युग इंसानों को
पैसों के पहिए के सहारे मानो
सातवें आसमान पे चढ़ा देता है।
