पैग़ाम..!
पैग़ाम..!
मिलो तो कहूँ दिल का हाल तुमसे
ख़्वाबों में जो है हर एक सवाल तुमसे,
सीख लिया बिना मिले जीना तुमसे
दिल ही में रो आँसुओं को पीना तुमसे,
करूँ कब तक ख़ुद पे इतना सितम
ऐ खुदा कर दे तू अब मुझपे रहम,
लिख दे दर्द में जीत मोहब्बत की
ले पैग़ाम स्वर्ग से धरती के कुर्बत की।

