पापा मिस यू
पापा मिस यू
लिखा था जो तकदीर में वो हो गया था,
जिसकी पनाह में जीना था वो ही खो गया था।
तुम बिन जिंदगी एक बुरा ख्वाब थी,
अब वो ख्वाब सच हो गया था।
मेरी हर ख्वाहिश को क़रीने से सजाते थे तुम,
मेरे हर ख्वाब को अपना बनाते थे तुम।
पर तुम्हारा हर ख्वाब अधूरा रह गया था,
जिसके लिए मुझे जीना था वो ही खो गया था।
मेरी महज आवाज से मेरा हाल जान लेते थे,
जो हमेशा काम आते ऐसे नुख्से देते थे।
आख़िरी वक्त में साथ होकर भी दर्द तुम्हारा ना जान सका था,
क्या करता कोई जतन, मैं हिम्मत हार गया था।
मेरी हर मुसीबत में मुझसे ज्यादा परेशान थे तुम,
मेरी हर नाकामयाबी पर मुझसे ज्यादा उदास थे तुम।
देनी थी हर खुशी तुमको पर मैं कुछ दे ना सका
करना था बहोत कुछ पर कुछ कर ना सका
ईश्वर अल्लाह अब किसी से वास्ता नही है
जब मुझे जन्म देने वाला ही मेरे पास नही है
कर्ज तुम्हारा कभी न चुका पाऊंगा
पर वादा है मेरा फिर तुम्हारा बेटा बनकर आऊंगा!