पापा की परी
पापा की परी
जब तुम आई थी नन्हे नन्हे कदमों से,
तुम्हारी नन्ही उंगली हमने थामी थी,
पूरे घर में तुम खुशियाँ बनकर आई थी,
पूरे घर में गूंज उठी किलकारी तुम्हारी,
परी हो तुम पापा की ओ बिटिया हमारी,
हमारे इसी आंगन में तुमने जन्म लिया,
हमारे घर पर तुम लक्ष्मी बनकर आई,
अपने संग- संग तुम ढेरों खुशियाँ लाई,
माँ की दुलारी हो और पापा की प्यारी,
परी हो तुम पापा की ओ बिटिया हमारी,
तेरी अठखेलियों से घर मेरा गूंज गया,
तेरा प्यार पापा के सिर का ताज बन गया,
घर के हर कोने में चहकती जब भी तुम,
घर खुशियों से भर जाता जब चलती तुम,
तितली से चंचल और सबकी हो दुलारी,
परी हो तुम पापा की ओ बिटिया हमारी,
