ऑपरेशन
ऑपरेशन
जमाने से गई हूं मैं मारी
जन्म लेने से पहले ही
मैंने यह जीवन जंग हारी
मां तुम भी करो विचार
पिता तुम भी करो ना
मुझ पर यह अत्याचार
आखिर क्या है कसूर मेरा ?
जगत जननी कहे जग मुझे
मेरे लिए क्यों जग में अंधेरा ?
इतनी छोटी सी बीज हूं मैं
अंकुर कोमल सा है तन मेरा
खिला नहीं यह फूल अभी
कोमल कली को खिलने से पहले ही
क्यों मार रहें ये जग के धर्मी ?
कर रहे क्यों यह अधर्म ?
क्या? मुझे नहीं जन्म लेने का अधिकार
मार रहें उसी को जिससे है ये संसार
नारी ऐसी क्यों लाचार हुई ?
मां मुझ को भी आने दो ।
छिनों ना मुझसे यह अधिकार
मां मुझको भी अब जीने दो।