नज़रअंदाज़
नज़रअंदाज़
नज़रअंदाज़ करने की वजह,
कुछ तो बताते तुम।
मैं तुम्हें देखता हूं
ये तुमको पता है,
फिर भी इधर देखकर
उधर मुड़ जाती हो तुम।
तुम्हें देखकर दिल,
धड़कता है मेरा,
यूँ करीब आके पास
से गुजर जाते हो तुम।
तुम्हारे चेहरे की
मुस्कान हूँ मैं,
हँसते हँसते मुझे देखकर
त्यौरियां चढ़ा लेते हो तुम।
मुझे पता है सखियों से,
मेरी ही बातें करती हो,
मैं कुछ पूछूँ तो खुद
को अनजान बना देती हो तुम।
मेरी पसन्द के रंगों में
फूल सी खिलती हो तुम,
कभी कोई बात आये तो
उसे ही नकार जाती हो तुम।
हर घड़ी हर पल तुम
मेरी राह तकती हो तुम,
तुम्हें मिलने बुलाऊं तो
कई बहाने कर जाती हो तुम।
प्यार तुमसे मुझे ही नहीं
तुमको भी मुझसे है।
मुझे पता है सिर्फ मुझसे
इंकार करती हो तुम।