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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

" नया मुकाम "

" नया मुकाम "

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मैं दुख को

भूलना चाहता हूँ,

सुख की

अनवरत खोज में !

कटु अनुभवों के

गाँठ को ही,

बहा देना

चाहता हूँ मौज में !!


दुखों को

याद करना ,

आँखों से

आँसू बहाना ,

पता है व्यर्थ

मानो ,

घुट -घुट

के रोना !!


नया कुछ मैं

करना चाहता हूँ,

नई मंजिलों को 

पाने की खोज़ में !

कटु अनुभवों के

गाँठ को ही ,

बहा देना

चाहता हूँ मौज में !!


जूझना है

तो जूझो

विषमताओं

को देख के

तोड़ना है तो

तोड़ दो

असहिष्णुता

को रोक के !!


नफ़रतों को मैं

मिटाना चाहता हूँ

सिर्फ प्रेम की

अनवरत खोज़ में !

कटु अनुभवों के

गाँठ को ही

बह

ा देना

चाहता हूँ मौज में !!


जो चला गया,

उसे भूलना है ,

दर्द उठता है ,

उसे रोकना है !!


अब नयी दुनिया

बनाना चाहता हूँ ,

सुख, समृद्धि और

शांति की खोज़ में !

कटु अनुभवों के

गाँठ को ही

बहा देना

चाहता हूँ मौज में !!


जिंदगी आगे बढ़े,

पर्वतों को लांघ लें,

अपने नये प्रयासों से,

धारा को मोड़ लें !


एक नया इतिहास

बनाना चाहता हूँ ,

भारत की नयी तस्वीर

की खोज़ में !

कटु अनुभवों के

गाँठ को ही

बहा देना

चाहता हूँ मौज में !!

मैं दुख को

भूलना चाहता हूँ,

सुख की

अनवरत खोज में !

कटु अनुभवों के

गाँठ को ही,

बहा देना

चाहता हूँ मौज में !!



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