" भारतक उत्थान " (मैथिली )
" भारतक उत्थान " (मैथिली )
आदि युगें सँ जे विश्व मे ,
बंटैत रहल ज्ञान !
हाय ! ओतहि पसरि रहल ,
सबतरि अज्ञान !!
एतबो नहि कियो बुझैछ ,
भारत मे अछि प्रजातंत्र !
जनमत सँ चलि सकैछ ,
केवल सब तंत्र --मंत्र !!
आपस केर भेद- भाव ,
यावत नहि तोड़ि सकब !
इतिहासक टूटलता ,
कडियों नहि जोड़ि सकब !!
आऊ मीलि हम सब तेँ ,
छोड़ि निज तुच्छ मान !
तइखन त भ सकैछ,
भारतक उत्थान !!
=================
डॉ लक्ष्मण झा"परिमल "
दुमका
