नवांकुरों में नित्य
नवांकुरों में नित्य
माँ भारती को मातृशक्ति का ये उपहार हो
नवांकुरों में नित्य राष्ट्रभक्ति का प्रसार हो
जो झूली फाँसियों पे थी वो इंकलाब की कथा
वो शौर्य की प्रताप और लक्ष्मी बाई सी प्रथा
सुभाष की आज़ाद फौज शत्रु जिससे काँपता
स्वतंत्रता का यज्ञ रक्त की आहुति माँगता
क्रांति की अलख जगे,कुरीति पर प्रहार हो
नवांकुरों में नित्य राष्ट्रभक्ति का प्रसार हो
गांधी की तिलक की और बिपिन की सब कहानियाँ
त्याग की डगर चलीं थी अनगिनत जवानियाँ
अखंड राष्ट्र के लिए प्रदीप से जो नित जले
पटेल जैसा लाल अब हर इक कुटुंब में पले
विवेकानंद के विचार का सदा प्रचार हो
नवांकुरों में नित्य राष्ट्रभक्ति का प्रसार हो
करें नमन उसे कि जो है रचयिता विधान का
स्वतंत्र राष्ट्र के प्रतीक राष्ट्र संविधान का
रहे स्मरण वो प्रहरी जो है हर प्रहर डटा रहा
है जन्म भूमि पे ही नित्य प्राण जो लुटा रहा
मातृभूमि वंदना हो चाहे जिस प्रकार हो
नवांकुरों में नित्य राष्ट्रभक्ति का प्रसार हो।
