नन्ही मासूम
नन्ही मासूम
जब पहली बार तुम्हें उठाया था
एहसास हुआ कोई मुझे भी छोटा आया था
जबसे तुम आयी हो
घर मे खुशियों की सौगात लायी हो
जब तुम यु बबलाती हो
घर में खुशिया फैलाती हो
तुम कदम बढ़ाती हो
आशा की ज्योत जलाती हो
तेरे रोने पर रोते हैं हम
ऐ खुदा दुआ करते हैं हम
जीवन इसका खुशहाल रहे
खुद इतनी कौशल
बने कि घर का नाम रोशन करें
बच्चो का मासूम चेहरा ही प्रकृति है
इन्ही सबसे सम्र्पूण हमारी आकृति है!
