नन्हे बच्चे
नन्हे बच्चे
कभी कभी सोचती हूँ
ये बच्चे कितने मासूम होते हैं
इन्हें नही मालूम कुछ भी
इन्हें अपने खिलोनों से मतलब
क्या सोचते होंगे जब
देखते होंगे खुला आसमान।
उन्हें लगता होगा हम आजाद हैं जो मर्ज़ी करे
क्या सोचते होंगे जब देखते होंगे
चाँद सितारे इन्हें लगता होगा रोशन हैं हमारी दुनिया
क्या सोचते होंगे जब देखते होंगे खिले फूल।
इन्हें लगता होगा बहुत खूबसूरत हैं ये चमन
क्या सोचते होंगे जब हंसते होंगे सभी बच्चें
इन्हें लगता होगा बहुत खुश रहता हैं ये जहान
काश बच्चे जो सोचते हम बड़े उन्हें सुन पाते
उनका ये बचपना देख हम
बड़े भी कभी तो खुश हो जाते।
