लॉक डाउन तीसरा दिन रिश्तेदार
लॉक डाउन तीसरा दिन रिश्तेदार
प्रिय डायरी
आज लॉक डाउन का तीसरा दिन था।
को- कौन हैं अपने रिश्तेदार
रो- रोज की भागदौड़ में भूल गए थे
ना- नाम याद रखना तो दूर की बात
चेहरे भी धुंधले पड़ गए थे
आज सबको फ़ोन किया
पुरानी यादों को ताजा किया
कुछ बातों पर हंस पड़े
कुछ यादों ने आंखे नम कर दी
बहुत अच्छा था वो दौर
दुनिया चाहे नही घूमे थे
पर दिल की खुशियां आसमान छूती थी
अब दुनिया घूम ली अपनों को दूर कर के
सीखा कुछ या नही ये तो मालूम नहीं
पर रोगों को दावत दे दी हैं
अब बस सब ठीक हो जाये
ये ही अरदास की हैं
ये ही अरदास की हैं।