सदियों पुराने राज
सदियों पुराने राज
पीपल के पेड़ के नीचे
हर शाम हम सहेलियाँ
दिल की हर एक बात बांटती हैं
हंसती, रोती, सलाह की पुड़िया बांधती हैं
अचानक पेड़ से एक पत्ता गिरा मेरी गोद में
ऐसा लगा वो भी शामिल हैं हमारी बातों में
सच हैं ना दादा के दादा के दादा के
ज़माने का हैं ये पीपल का पेड़
कितने गहरे राज छुपाए बैठा हैं ये पेड़
रोतो के साथ रोता,
हँसतो के साथ हंसता होगा ये पेड़
कितने गहरे राज छुपाए बैठा हैं ये पेड़
कभी अगर बोल पड़े ये पेड़
कयामत ले आएगा ये पेड़।