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Nitu Arora

Abstract

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Nitu Arora

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उदास मन प्रभु रहम कर

उदास मन प्रभु रहम कर

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प्रिय डायरी

आज मन हैं बहुत उदास

नहीं सुधर रहे हैं हालात

 सरकार व पुलिस कोशिश कर रही हैं 

पर जनता नही सुधर रही हैं


रह रही हैं बाहर घर से 

जाने क्या नशा चढा हैं सर पे

समझा रही हैं मीडिया इनको

घर से बाहर दावत हैं कोरोना को


हे प्रभु कर दे मेहर

मिटा दे ये कहर 

तू ही कर सकता हैं

आदमी तेरे हाथ का पुतला हैं

भूल चुक माफ कर

हे प्रभु रहमत कर रहमत कर !


साहित्याला गुण द्या
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