निर्णय
निर्णय
हम अपनी ज़िन्दगी में किसी का
आना तो तय कर सकते हैं,
पर उनका का ठहरना या जाना नहीं।
जाना उनका निर्णय होता है,
सिर्फ उनका।
जो निर्णय एक तरफा होता है,
वो कठोर और स्वार्थी होता है,
चाहे उसके पक्ष में कितने ही
तर्क क्यूं ना दिए जाए।
हम अपनी ज़िन्दगी में किसी का
आना तो तय कर सकते हैं,
पर उनका का ठहरना या जाना नहीं।
जाना उनका निर्णय होता है,
सिर्फ उनका।
जो निर्णय एक तरफा होता है,
वो कठोर और स्वार्थी होता है,
चाहे उसके पक्ष में कितने ही
तर्क क्यूं ना दिए जाए।