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Sudeshna Majumdar

Abstract Inspirational

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Sudeshna Majumdar

Abstract Inspirational

खिड़कियां

खिड़कियां

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अगर कमरे के दीवारों पर 

अलग अलग आकार की खिड़कियां हो तो...!

चौकोर खिड़की से जीवन को देखना कितना सुखद होगा

एक छोर से दूसरे छोर तक का व्यापक जीवन।


त्रिकोण खिड़की की स्पष्टता में,

बाहरी दृष्टिकोण का सरल सीमित

अवलोकन कर...

एक अनुभव को दूसरे अनुभव से जोड़ती सीधी लकीर।


विषमकोण अद्भुत अन्वेषण देगा हमारे दृष्टिकोण को...

जैसे एक तिलस्मी शरण...

अयथार्थता के विरूद्ध या अनुकूल।


मगर मुझे गोल खिड़की से देखना ज़्यादा पसंद होगा

जीवन चक्र का सुंदर अवलोकन कर 

आत्मबोध का कुछ अंश

इसी धरती में बो देंगे

जहां फिर से नए विचारों के दरख़्त खड़े होंगे

यही दरख़्त नये समाज के मार्गदर्शक बनेंगे।

आनेवाली पीढ़ी,

अपने लिए फिर कोई, अपनी पसंद की खिड़की चुनेगी।



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