मेरे साथ नदी है
मेरे साथ नदी है
मेरे साथ एक नदी है
नदी के किनारे एक पेड़
पेड़ पर कुछ पंछी हैं
जो आते जाते रहते हैं
ठिकाना कह सकते हैं
पर स्थायी ठिकाने जैसा नहीं
मौसम बदलने के साथ वो
दूर देश का भ्रमण करते हैं
वो हमेशा एक यात्रा में रहते हैं।
नदी की भी अपनी एक यात्रा है
वो कहीं से आयी तो है,
पर यहां आकर ठहर सी गई है
या मै यहां ठहरी हुई हूं।
नदी जानती है उसकी यात्रा में मोड़ है जो क्षणिक है
उसकी यात्रा भविष्य का दर्पण है।
पेड़ को नदी ने सींचा है, वो साक्ष्य है यात्रियों के वर्तमान का।
मैं मनुष्य हूं, मेरी यात्रा जीवन से मृत्यु तक है।
मै असमंजस में हूं
क्या मैं कोई सूत्रधार हूं इनके बीच
या ये मेरी यात्रा तय कर रहे है।
