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Akanksha Gupta (Vedantika)

Tragedy

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Tragedy

नेता।

नेता।

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लाल बत्ती की ऐसी महिमा,

मिल जाता है गजब सम्मान,

जिसके वाहन पर विराजमान हो,

राजा बन जाता आम इंसान।


अफसर बन कर रौब जमाता,

नेता बन कर धौंस जमाता,

जनता का सेवक बन कर,

जनता से ही कतराता।


लाल बत्ती जो घमंड जगाये,

जनता जिसको झेल ना पाये,

चलती है पैसो के ईंधन से,

यह तो सबकी भूख बढ़ाये।


जिस गाड़ी पर बत्ती हो लाल,

जनता वहाँ पर हो बेहाल,

मालिक की जेबें भर जाये,

जनता हो रही कंगाल।


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