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Pawanesh Thakurathi

Tragedy

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Pawanesh Thakurathi

Tragedy

नौकरीपेशा आदमी की जिंदगी

नौकरीपेशा आदमी की जिंदगी

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सुबह घर से

चल दो काम पर

दिन भर काम करो

शाम को लौट आओ


फिर से घर

आफिस में काम

घर पर काम

घर के बाहर काम

काम काम काम


उफ्फ कितना सारा काम

इतने सारे कामों में आदेश

आफिस में बास का आदेश

घर में बीवी का आदेश


बच्चों का आदेश

करो सबके आदेशों को पूरा

नाचते रहो

सुबह से शाम

कठपुतली की तरह।


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