अपने पर इनका कोई अंकुश नहीं खींचतीं हैं रम-चिलम कठपुतलियाँ। अपने पर इनका कोई अंकुश नहीं खींचतीं हैं रम-चिलम कठपुतलियाँ।
नाचते रहो सुबह से शाम कठपुतली की तरह। नाचते रहो सुबह से शाम कठपुतली की तरह।
माँ का हरबार फ़ोन पे कहना कि बेटा अपना ध्यान रखना, पिता का मुझे फ़ोन पे कहना कि मन लगाकर माँ का हरबार फ़ोन पे कहना कि बेटा अपना ध्यान रखना, पिता का मुझे फ़ोन पे कहना कि...
उसने भेजा है दुनिया में हम क्यों रोएं हम क्यों रोएं। उसने भेजा है दुनिया में हम क्यों रोएं हम क्यों रोएं।
इंसान है तू बन मत लंगूर भीड़ से दूर रहना है हुज़ूर इंसान है तू बन मत लंगूर भीड़ से दूर रहना है हुज़ूर
अफवाहों से दूर रहो हो अफवाहों से दूर रहो हो