उन्हीं ने तो कराया मुझे एहसास ख़ामियों का। उन्हीं ने तो कराया मुझे एहसास ख़ामियों का।
जान नहीं बची थी उन काँटों में, इसलिए मुझमें उदासी छा गई। अब किस काम की सुंदरता मेरी, यही सोच कर म... जान नहीं बची थी उन काँटों में, इसलिए मुझमें उदासी छा गई। अब किस काम की सुंदरता...
जिनको फूल समझ कर हम अपने दिल से लगाते गए, वो काँटा बन कर पल-पल हमें ही चुभते गए। जिनको फूल समझ कर हम अपने दिल से लगाते गए, वो काँटा बन कर पल-पल हमें ही चुभत...
यह कविता जीत के हौसलों को बयां कर रही है, सपने जो हम देखते हैं उन्हे पंक्तियों के जरिये दर्शाने की क... यह कविता जीत के हौसलों को बयां कर रही है, सपने जो हम देखते हैं उन्हे पंक्तियों क...
अभी छोडूंगा कई हज़ार मैं । कई बंदिशें मेरे पैर खींचती हैं, अभी छोडूंगा कई हज़ार मैं । कई बंदिशें मेरे पैर खींचती हैं,
फूलों से खौफ खाते थे हम, काँटों से इश्क करना सीखा गए तुम फूलों से खौफ खाते थे हम, काँटों से इश्क करना सीखा गए तुम