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Shakuntla Agarwal

Abstract Inspirational Others

4.8  

Shakuntla Agarwal

Abstract Inspirational Others

"नैय्या लगा दो पार"

"नैय्या लगा दो पार"

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हे दुःख भंजन, मारुती नंदन,

  सुन लो मेरी पुकार,

आकर नैय्या लगा दो पार,


देख - देख मन घबराये,

रास्ता कोई नज़र न आये,

लक्ष्मण को संजीवनी लाये,

लाकर उनके प्राण बचाये,

संजीवनी हमें भी लादो,

विश्व को संकट से बचा लो,

जोह रहें तुम्हारी बाट,

हे दुःख भंजन, मारुती नंदन,

 सुन लो मेरी पुकार,

आकर नैय्या लगा दो पार,


समुद्र लाँघ मुद्रि दे आये,

सीता जी के प्राण बचाये,

इंसानों की होली जल रही है,

चहूँ ओर हाहाकार मची है,

घर - घर में चिता जल रही है,

सड़कों पे लाशें बिछी हैं,

देख - देख मन घबराये,

धीरज हमको कौन बँधाये,

हे दुःख भंजन, मारुती नंदन,

 सुन लो मेरी पुकार,

आकर नैय्या लगा दो पार,


भरत को संदेशा ले आये,

राघव - सीता संग आये,

आकरभरतके प्राण बचाये,

जगह - जगह चिता सजी हुई है,

दुनिया पे आफ़त आन पड़ी है,

इस आफ़त से जान छुड़ा दो,

आकर अपनी पताका फ़हरा दो,

हे दुःख भंजन, मारुती नंदन,

  सुन लो मेरी पुकार,

आकर नैय्या लगा दो पार,


पाप किये हमने बहुतेरे,

जैसे भी हैं बालक तेरे,

निपट, मूढ़ हम हैं अज्ञानी,

तुम्हारी महिमा हमने न जानी,

ज्ञान की ऊर में ज्योत जला दो,

कोरोना को सोटे से मार भगा दो,

हे दुःख भंजन, मारुती नंदन,

  "शकुन" करें पुकार,

आकर नैय्या लगा दो पार ।।


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