मगर इतनी भी बुरी नहीं की दुनिया का गुरूर ना बन सकूँ। मगर इतनी भी बुरी नहीं की दुनिया का गुरूर ना बन सकूँ।
प्रभु कहने से ये डरता हूँ, तुझको अपमानित करता हूँ , इनके भीतर तू हीं रहता, फिर जोर तेरा क्य... प्रभु कहने से ये डरता हूँ, तुझको अपमानित करता हूँ , इनके भीतर तू हीं रहता,...
शब्दों की अपनी गरिमा है, भावों की अनुपम महिमा है। मृदु मंत्रों के पुष्पहार से, अनघ हृद... शब्दों की अपनी गरिमा है, भावों की अनुपम महिमा है। मृदु मंत्रों के पुष्...
दुर्घटना बस एक घटना है देकर साक्ष किसे कटना है। दुर्घटना बस एक घटना है देकर साक्ष किसे कटना है।
घर-घर मंदिर-मंदिर में जगराते की बेला आयी। घर-घर मंदिर-मंदिर में जगराते की बेला आयी।
उपरोक्त भजन लिखने की मुझे प्रेरणा देने वाले मेरे पिताश्री के आशीर्वाद से आचार्य श्री विद्यासागर जी औ... उपरोक्त भजन लिखने की मुझे प्रेरणा देने वाले मेरे पिताश्री के आशीर्वाद से आचार्य ...