नैतिकता
नैतिकता
पूछती है बेटियाँ माँ से आजकल,
नैतिकता सिर्फ मुझे ही क्यों सिखाती
अपने बेटों को अलग मूल्य और
हमें अलग शिक्षा क्यों हो दिलाती
क्या बेटियां दोयम दर्जे की होती है
क्या बेटियां इंसान नहीं होती है
ऐसे कई प्रश्न है आज की नैतिकता
पर प्रश्न चिन्ह बन कर खड़ी रहती है
शिक्षा के साथ आत्म जागरूकता भी
हर तरफ अब पसर रही है जब तो
थोथले नैतिकता का बोझ किसी पर
लादना अब बिल्कुल भी ठीक नहीं
नेक बने, संवेदनशील बने हम सब
यही उचित नैतिकता होगी
स्वार्थ और अहंकार को त्यागें हम
सच्ची वही मनुष्यता होगी ।।