अरबी अश्व
अरबी अश्व
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श्वेत शुद्ध नस्ल के दो अश्व
दोनों ही हैं मेरे पुत्र समान
अरब देश का मैं सौदागर
लोग कहें मुझे शेख पठान
इतने गुणशील उत्तम प्रकृति
उतना ही सदाचारी विवेकवान
जहाँ जहाँ भी जाता हूँ मैं इनके साथ
होती है मेरी विशिष्ट पहचान
दूर दूर देशों में भी इन अश्वों से
कोई सुन्दर अश्व नहीं लो मान
अपनी उद्दंडता तिरोहित कर दोनों ने
पकड़ाया है मुझे अपनी कमान
क्या संबंध है मेरा इन दो अश्वों से
कोई नहीं सकता है ये जान
इनसे मेरी, मेरी इन अश्वों से बनी है
कहाँ कहाँ तक की पहचान !