नासूर
नासूर
अपने नासूर बहुत,
सलीके से ढँक कर,
तेरी महफ़िल में आया हूँ,
इन्हें बेनक़ाब न करो।
मेरे ज़ख़्मों में ज़ख़्म,
देने वाले की,
तस्वीर नज़र आती है।
अपने नासूर बहुत,
सलीके से ढँक कर,
तेरी महफ़िल में आया हूँ,
इन्हें बेनक़ाब न करो।
मेरे ज़ख़्मों में ज़ख़्म,
देने वाले की,
तस्वीर नज़र आती है।