कितनी अपनी लगने लगी हो तुम
कितनी अपनी लगने लगी हो तुम
उजले सफ़ेद,
कागज़ पर,
लिखता हूँ,
तुम्हारा नाम।
एक बार,
फिर एक बार।
एक बार और,
बहुत करीब,
कितनी अपनी लगने,
लगी हो तुम।
उजले सफ़ेद,
कागज़ पर,
लिखता हूँ,
तुम्हारा नाम।
एक बार,
फिर एक बार।
एक बार और,
बहुत करीब,
कितनी अपनी लगने,
लगी हो तुम।