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Shubham Pandey gagan

Drama

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Shubham Pandey gagan

Drama

नारी

नारी

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कितने रूप तुम्हारे है क्या

सुनती हो तुम नारी


कभी माँ कभी बहन

और पत्नी बेटी भी हो प्यारी


कितने लिख चुके है महाकाव्य

न जाने कितनी लिखी गयी कथाएं


तुम्हारे रूप का वर्णन

ग्रंथ भी न कर पाएं


है प्रणाम तुमको शक्ति

यूं ही जग को कृतार्थ करो


अपनी शक्ति से तुम

बन दुर्गा संहार करो।


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