नारी
नारी
नारी जीवन का मूल आधार
सुसज्जित जिससे सम्पूर्ण संसार
प्रेम त्याग की अद्भुत मिसाल
ममतामयी छवि विस्तृत विशाल
नारी से समृद्धि और संस्कार
नव-सृजन और नित विकास
व्यवस्था को जो देती आकार
कुशल प्रबन्धन में बेमिसाल
नारी समर्पण और सम्मान
रिश्तों से ही जिसकी पहचान
श्रृंगार रस की कविता कमाल
सुरभित कुसुमित सी कोई डाल
नारी संयम धैर्य की पहचान
एक प्रतिमूर्ति सरस्वती समान
साहस शौर्य का संगम महान
है सतीत्व उदारता का जयगान
नारी स्वयमेव सम्पूर्ण अवतार
दुष्टों के लिए रणचण्डी विकराल
मिले सम्मान करे न्योछावर प्राण
सहे अपमान तो दे युद्ध का पैगाम।
