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Kiran Bala

Abstract

4.8  

Kiran Bala

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"उम्मीद का रंग "

"उम्मीद का रंग "

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इस रंग बिरंगी दुनिया के

हर रंग अजब निराले हैं

कहीं रोटी के लिये कतारें

तो कहीं मदिरा के प्याले हैं


अबीर गुलाल कहीं बिखरे

तो कई बेरंग बेचारे है

राग मल्हर हैं कहीं गूँजते

तो कोई विलाप के मारे हैं


बदल बदल रूप रंगों के

जीवन में सबके आते हैं

चलो मिल बाँट रंगों से

सब साथ खुशियाँ मनाते हैं


हों सबके सतरंगी सपने

रंगीन अफसाने सजाते हैं

खुशियों के रंग बिखरा के

उम्मीद का रंग बनाते हैं।


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