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Kiran Bala

Abstract

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Kiran Bala

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'मैं आजाद हूँ '

'मैं आजाद हूँ '

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मैं आजाद हूँ क्योंकि 

मेरे विचार स्वतंत्र हैं 

हो बेखौफ़ मैं तोड़ चुकी हूँ 


रूढिवादिता की जंजीरें

हो बुलंद मैं निकल पड़ी हूँ

बदलने हाथों की लकीरें

वरना आजादी के बरसों बाद भी

हम जकड़े हुए हैं 


रूढिवादिता के संकुचित दायरों में 

मनुवाद की खोखली कवायदों में 

मस्तिष्क की संकीर्णताओं में 


मजहब की दलीलों में 

हाँ आज मैं आजाद हूँ 

क्योंकि मैं बेबाक हूँ।


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