माँ मुझको एक साइकिल ला दो
माँ मुझको एक साइकिल ला दो
माँ मुझे एक साइकिल ला दो
दूर गग तक ले जाऊंगा
उस पर मैं दो पंख लगाकर
बनाकर जहाज उड़ाऊंगा
सड़कों पर दौड़ें मोटर गाड़ी
करती कितना हैं शोर
धुएँ प्रदूषण पर किसी का
नहीं चलता कोई जोर
रफ्तार अपनी साइकिल की भी
मैं उनसे तेज बनाऊंगा
खुले आसमान में जी भरकर
सरपट उसे दौड़ाऊंगा
सूरज चंदा पंछी तारों को
अपना दोस्त बनाऊंगा
संग पंछी के दौड़ लगा के
क्षितिज तक मैं जाऊंगा
बस जल्दी से साइकिल ला दो
अब ना तुम्हें सताऊंगा
तुम कहो तो तुमको भी मैं
संग अपने ले जाऊंगा।
