नारी
नारी
वो एक औरत है
इसीलिए वो जानती है
उसे अपने वजूद के लिए
हर कदम पर संघर्ष करना होगा
इस पुरुष प्रधान जग में
स्वयं को सक्षम रखना होगा
अपनी कोमलता के साथ साथ
अपनी शक्ति का भी स्मरण रखना होगा
माना धैर्य उसका संबल है
पर मौन रह अन्याय सहना
नारी जीवन की विडंबना
आज नारी को अबला न समझो
सबल बन कर रही हर कार्य को कुशलता से है।